पराली बन सकता है कमाई का जरिया, मशीन की खरीद पर मिलेगी 65% तक सब्सिडी
Stubble Burning: सरकार ने पराली मैनेजमेंट के लिए गाइडलाइन्स को संशोधित किया है. इसके तहत पराली का खेतों से अलग प्रबंधन करने के साथ मशीनरी की पूंजीगत लागत पर वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रही है.
(Image- Freepik)
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Stubble Burning: सरकार ने फसल अवशेष प्रबंधन (Crop Residue Management) के लिए गाइडलाइन्स को संशोधित किया है. इसके तहत पुआल यानी पराली (Paddy Straw) का खेतों से अलग प्रबंधन करने के साथ मशीनरी की पूंजीगत लागत पर वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रही है. कृषि मंत्रालय (Agriculture Ministry) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव एस रुक्मणि के हवाले से उद्योग मंडल सीआईआई (CII) ने एक बयान में कहा, भारत सरकार किसानों को पराली प्रबंधन में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने सीआईआई और कृषि मंत्रालय द्वारा धान के भूसे प्रबंधन (Rice Straw Management) के लिए क्लिन एंड ग्रीन सॉल्यूशन पर आयोजित नेशनल वर्कशॉप में यह बात कही.
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65% तक की सब्सिडी
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अधिकारी ने कहा, हमने क्रॉप रेसिड्यू मैनेजमेंट पर संशोधित दिशानिर्देश जारी किया है और अब पुआल (Stubble) के खेतों से अलग प्रबंधन को बढ़ावा दे रहे हैं. परियोजनाओं के लिए मशीनरी की पूंजीगत लागत के 65% तक की सब्सिडी के माध्यम से वित्तीय सहायता की पेशकश कर रहे हैं. रुक्मणि ने इस बात पर जोर दिया कि पराली कमाई का जरिया बन सकता है.
₹1000 प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि पाएं
हरियाणा सरकार पराली न जलाने वाले किसानों को 1000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दे रही है. इसके लिए इनसीटू, एक्ससीटू पराली प्रबंधन अपनाना होगा. विभाग के वेब पोर्टल पर 30 नवंबर 2023 तक अपना रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है. इससे पहले किसान का मेरी फसल- मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है.
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कृषि यंत्रों द्वारा पराली अवशेषों का इनसीटू, एक्ससीटू प्रबंधन करते हुए जीपीएस लोकेशन के साथ फोटो लेना अनिवार्य है. ग्राम स्तरीय कमेटी के सत्यापन और जिला स्तरीय कमेटी की स्वीकृति के बाद प्रोत्साहन राशि किसानों के खाते में जमा करवा दी जाएगी.
पराली जलाना दंडनीय अपराध
आपको बता दें कि पराली जलाना दंडनीय अपराध है. आईपीसी की धारा 188 के तहत 6 महीने की जेल या 15,000 रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों हो सकती है.
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03:03 PM IST